जैसा मन भावन रूप तेरा ,
वैसी मन भावन बात तेरी ।
अन्ना तुझको नाम दिया ,
गाँधी का तुझे काम दिया ।
लो आज सजा फिर मंच तेरा ,
जनता बिछाती पलक पांवड़े ।
स्वागत है हे जनता जनार्दन ,
कर दो तुम सत्ता का मर्दन ।
अफसोस, नहीं हम पास तेरे ,
फिर भी हर पल हैं साथ तेरे ।
ये क्रांति नहीं अब रुकनी है ,
यहाँ विश्व की निगाहें टिकनी है ।
यह सम्राट अशोक की धरती है ,
सत्य,अहिंसा की यह जननी है ।
यहाँ गाँधी ने उपवास किया ,
और बुद्ध ने यहाँ वास किया ।
नमन तुझे है आज के गाँधी ,
आभार तेरे पथ प्रदर्शन को ।
मेरी आँखे तरस रही हैं कबसे ,
तेरा दर्शन प्रत्यक्ष करने को ।
कटिबद्ध है तेरे संग हम सब ,
जन लोकपाल को लाने को ।
बिना रक्तमय क्रांति किये ,
भारत से भ्रष्टाचार मिटाने को ।
By:Vivek Mishra
वैसी मन भावन बात तेरी ।
अन्ना तुझको नाम दिया ,
गाँधी का तुझे काम दिया ।
लो आज सजा फिर मंच तेरा ,
जनता बिछाती पलक पांवड़े ।
स्वागत है हे जनता जनार्दन ,
कर दो तुम सत्ता का मर्दन ।
अफसोस, नहीं हम पास तेरे ,
फिर भी हर पल हैं साथ तेरे ।
ये क्रांति नहीं अब रुकनी है ,
यहाँ विश्व की निगाहें टिकनी है ।
यह सम्राट अशोक की धरती है ,
सत्य,अहिंसा की यह जननी है ।
यहाँ गाँधी ने उपवास किया ,
और बुद्ध ने यहाँ वास किया ।
नमन तुझे है आज के गाँधी ,
आभार तेरे पथ प्रदर्शन को ।
मेरी आँखे तरस रही हैं कबसे ,
तेरा दर्शन प्रत्यक्ष करने को ।
कटिबद्ध है तेरे संग हम सब ,
जन लोकपाल को लाने को ।
बिना रक्तमय क्रांति किये ,
भारत से भ्रष्टाचार मिटाने को ।
By:Vivek Mishra
Thanks for Your Support To Anna
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